आबादी भूमि – भारत के सभी राज्यों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में आबादी भूमि उपलब्ध हैं. राज्य और केंद्र सरकार भूमिहीन गरीब परिवारों को आबादी भूमि आवंटित करने के लिए अनेकों योजनाएं बनाती हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा गरीब परिवारों को लाभ मिले जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो. इस पोस्ट में हमलोग जानेगें की आबादी भूमि क्या होता हैं. यह जमीन किसकी होती हैं. इसको पट्टे पर किसे दिया जाता हैं..
आज भी बहुत सारे लोग हमारे देश में हैं. जिनके पास खुद की बिल्कुल ही जमीन नहीं हैं. इन लोगों को सरकार की जो गांव या शहर में खाली जमीन पड़ी हैं. कुछ नियम और मापदंड के अनुसार सरकार उनको यह खाली पड़ी जमीन पट्टे पर आवंटित करती हैं. जिससे वह लोग इन खाली पड़ी जमीन का उपयोग कर सके एवं अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें.
आबादी भूमि का पट्टा नगर पंचायत, ग्राम पंचायत या स्थानीय प्रशासन के प्रस्ताव पर दिया जाता हैं. इसके लिए पट्टे का जो आवेदनकर्ता हैं. उन्हें पट्टे के सभी नियम और मापदंडों को पूरा करना होता हैं. सभी राज्यों में आबादी जमीन के पट्टे का नियन मापदंड अलग – अलग हो सकता हैं.
आबादी भूमि किसे कहते हैं?
वह शहर, गांव या कस्बा की खाली पड़ी भूमि जो किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं हो वह आबादी भूमि होती हैं. इस जमीन पर सरकार का स्वामित्व होता हैं. सरकार इस जमीन पर अपने अनुसार कार्य के लिए उपयोग कर सकती हैं. जैसे – सरकारी भवन का निर्माण, स्कूल, अस्पताल आदि.
आबादी भूमि का पट्टा भूमिहीन गरीब जरूरतमंद लोगों को नगर पंचायत, ग्राम पंचायत या स्थानीय प्रशासन के प्रस्ताव पर दिया जाता हैं. जो एक निश्चित टाइम के लिए होता हैं. समय पूरा हो जाने पर फिर से पट्टे का नवनीकरण कराना पड़ता हैं.
आबादी भूमि के नियम
नियम 157 – पंचायती राज्य नियम 1996 राजस्थान आर्टिकल 157 के अंतर्गत 1996 तक आबादी भूमि पर निर्मित माकन को नियमित पट्टा जारी करने का प्रवधान हैं.
नियम 157 (2) – जो लोग सरकारी जमीन पर झोंपड़ी बनाकर रह रहें हैं. उन्हें आर्टिकल 157 (2) के अनुसार 300 स्क्वायर फीट का भू खण्ड निशुल्क आवंटित किया जायगा. यह पट्टा उस परिवार के किसी महिला के नाम पर होगा.
नियम 158 – पंचायती राज्य नियम 1996 राजस्थान आर्टिकल 158 के अंतर्गत पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों के कमजोर वर्ग को 300 वर्गमीटर भूमि 2 से 10 रूपये प्रति वर्गमीटर के दर से आवंटित कर सकती हैं.
नियम 158 – पंचायती राज नियम 158 (2) के अंतर्गत बीपीएल परिवारों, घुमक्कड़ भेड़पालकों गरीबी रेखा से नीचे परिवारों को निःशुल्क भूमि आवंटन करने का अधिकार अब पंचायेतों के पास हैं.
आबादी भूमि के नियम (मध्यप्रदेश पीडीऍफ़)
आबादी भूमि के नियम (उत्तरप्रदेश पीडीऍफ़)
आबादी भूमि के नियम (छत्तीसगढ़ पीडीऍफ़)
FAQ
प्रश्न 01 – भूमि के कितने प्रकार होते हैं?
- वन की भूमि
- बंजर अथवा कृषि के योग्य भूमि
- गैर कृषि के योग्य भूमि
- कृषि के योग्य भूमि
- स्थाई पशुओं के लिए चारागाह भूमि
- वृक्षों एवं झाड़ियों के अंतर्गत भूमि
- चालू परती भूमि
- अन्य परती भूमि
- शुद्ध बोया गया क्षेत्र भूमि
- एक या एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र भूमि
- सामुदायिक भूमि
- सड़क की भूमि
- धार्मिक न्यास की भूमि
प्रश्न 02 – आबादी भूमि पर किसका स्वामित्व होता हैं?
आबादी भूमि पर पूरी तरह से सरकार का स्वामित्व होता हैं.
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